गरुड़ पुराण क्या हैं ? कितने अध्याय हैं Garud Puran Me Kitne Adhyay Hai

Garud Puran Me Kitne Adhyay Hai Hindi Me:- गरुड़ पुराण का हिन्दू धर्म में अपना महत्वपूर्ण स्थान हैं। गरुड़ पुराण में मनुष्य के शरीर से आत्मा कैसे निकालती हैं ? आत्मा को यमलोक जाने में किस-किस समस्या का सामना करना पढता हैं आदि के बारे में बताया गया हैं। गरुड़ पुराण पढ़ते समय हम सभी के मन में एक सवाल जरुर आता हैं की गरुड़ पुराण में कितने अध्याय हैं ?, गरुड़ पुराण में कितने पेज हैं?, गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद क्या होता है?

अगर आपको इनके बारे में पता नहीं हैं और आप इन सभी को जानना चाहते हैं तो आप इस लेख को पूरा अवश्य पढ़े। क्योकिं आज हम आपको हमारी वेबसाइट Hindimenaya.Com पर गरुड़ पुराण के बारे में सारी जानकारी बतायेंगे। जिससे आपको कही और जाने की जरूरत नहीं होगी और आपके मन से सभी सवालों के जवाब हमारे इस आर्टिकल में मिल जायेंगे।

गरुड़ पुराण क्या है?

गरुड़ पुराण क्या है? यह सवाल सभी लोगों के मन में उठता है। जो हिन्दू धर्मग्रंथों के बारे में जानना चाहते हैं। गरुड़ पुराण महर्षि वेदव्यास जी द्वारा लिखी गयी थी। गरुड़ पुराण में 18 हजार से लेकर के 19000 तक श्लोक हैं और 271 से लेकर के 245 अध्याय हैं। जो दो भागो में बटे हुए हैं पूर्व खंड और उत्तर खंड पूर्व खंड में धार्मिक अनुष्ठान, यज्ञ, दान, तपस्या आदि का वर्णन किया गया है, जबकि उत्तर खंड में मृत्यु, श्राद्ध, प्रेत योनि, नरक आदि के बारे में बताया गया है।

तमसो मा ज्योतिर्गमय का अर्थ

गरुड़ पुराण भगवान विष्णु के द्वारा अपने वाहन गरुड़ को सुनाई गयी थी। इसलिए गरुड़ पुराण का नाम विष्णु भगवान के वाहन गरुड़ पर रखा गया हैं। गरुड़ पुराण में जीवन से लेकर के मृत्यु के बाद तक के बारे में विस्तार से बताया गया हैं। गरुड़ पुराण में जीवन का विवरण, मृत्यु, पुनर्जन्म, कर्म, धर्म, योग, देवता, नरक, स्वर्ग आदि विषयों के बारे में बताया गया है।

गरुड़ पुराण में मनुष्य द्वारा किये गए पापो के लिए दी जाने वाली सजा के बारे में बताया गया हैं की कौन-सा पाप करने से मनुष्य को कौन सा दंड मिलता हैं और क्या करने से मनुष्य को स्वर्ग और मोक्ष प्राप्त होता हैं। इसके अलावा मृत्यु के बाद मनुष्य यम लोक तक कैसे पहुचता हैं। मनुष्य की मृत्यु होने के बाद आत्मा कहा पर रहती हैं आदि के बारे में विस्तार से बताया गया हैं। यह पुराण सनातन धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है जो मनुष्य को जीवन को जीने के लिए ज्ञान देती हैं।

Garud Puran Me Kitne Adhyay Hai

गरुड़ पुराण में कुल 19,000 श्लोक और ये श्लोक दो खंडों में रखे गए हैं पूर्व खंड और उत्तर खंड। गरुड़ पुराण में कुल मिलाकर 271 से लेकर के 245 अध्याय हैं। जो की पूर्व खंड में 237 अध्याय हैं जबकि उत्तर खंड में 45 अध्याय हैं। इस प्रकार, गरुड़ पुराण में कुल 282 अध्याय होते हैं। इस पुराण में धर्म, कर्म, मोक्ष, जन्मांतर, भूतप्रेत, यमलोक, नरक, स्वर्ग, व्रत, तीर्थयात्रा, ध्यान, योग, ज्योतिष, विचार-विमर्श, अनुष्ठान, मन्त्र, तांत्रिक विधियाँ, देवी-देवता पूजन, महाप्रलय आदि के बारे में बताया गया है।

गरुड़ पुराण किसने लिखी थी ?

गरुड़ पुराण महर्षि वेदव्यास जी द्वारा लिखी गयी थी। यह पुराण वेदव्यास जी ने द्वापर युग में लिखे थे। जो कि हिंदू पौराणिक काल का एक महत्वपूर्ण काल है। गरुड़ पुराण भगवन विष्णु द्वारा अपने वाहन गरुड़ जी को सुनाई गयी थी। उसके बाद में गरुड़ पुराण महर्षि वेदव्यास जी द्वारा लिखी गयी थी।

गरुड़ पुराण में कितने पेज हैं ?

गरुड़ पुराण में लगभग 800 से 1000 बताये गए हैं। गरुड़ पुराण में पेजों की सख्या फिक्स नहीं हैं। क्योकिं गरुड़ पुराण भिन्न-भिन्न संस्करणों में उपलब्ध होती है और भिन्न-भिन्न संस्करणों में पेजों की संख्या कम ज्यादा होती रहती हैं।

गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए ?

गरुड़ पुराण को पढने का समय निश्चित नहीं हैं। इसे आप कभी भी पढ़ सकते हैं गरुड़ पुराण धार्मिक ग्रन्थ होने के कारण इसे आप धार्मिक त्यौहार, पूजा अर्चना के समय भी पढ़ सकते हैं। इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति को ज्ञान लेना हैं तो इसे अपने समय के अनुसार कभी भी पढ़ सकते हैं। गरुड़ पुराण को पढने का कोई भी समय नहीं हैं गरुड़ पुराण संस्कृत और हिंदी दोनों भाषाओ में उपलब्ध हैं। इसे आप अपनी पसंद के अनुसार पढ़ सकते हैं।

गरुड़ पुराण पढ़ने के नियम ?

गरुड़ पुराण को पढ़ते समय आपको कुछ बातो का ध्यान रखना चाहिए। हमने गरुड़ पुराण को पढने के नियम के बारे में विस्तार से बताये हैं। जिन्हें आप निचे की तरफ देख सकते हैं।

शुद्धता और पवित्रता

गरुड़ पुराण को पढने से पहले आपको स्नान करना चाहिये। ताकि आपका शरीर पवित्र हो सके गरुड़ पुराण को बिना स्नान के नहीं पढना चाहिये। क्योकिं यह हिन्दू पुराण हैं जो की पवित्र होती हैं।

श्रद्धा

गरुड़ पुराण को पढ़ते समय आपके मन में श्रद्धा होनी चाहिये। पुराण को मन, वचन और कर्म से पूरी तरह से स्वीकारें।

स्थान का चयन करें

गरुड़ पुराण को पढने का स्थान शांत और पवित्र होना चाहिये। जिससे आपका ध्यान भगवन की तरफ लगा रहे अगर स्थान शांत नहीं होगा तो आपका ध्यन भगवान की तरफ नहीं होगा

समय और आदत

गरुड़ पुराण को पढने का एक निश्चित समय बनाये। जिससे आपकी आदत हो जाएगी जिसके कारण आप रोजाना गरुड़ पुराण का पाठ पढने लग जायेंगे।

गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद क्या होता है?

प्राणियों का विचरण

मृत्यु के बाद, प्राणी अपने कर्मों के अनुसार अलग-अलग गतियों में जाते हैं। जैसे की नरक, पितृलोक और स्वर्ग जैसी गतियों में जाते हैं।

कर्मों का फल

मृत्यु के बाद प्राणी को अपने कर्मों के अनुसार उनको फल मिलते है। यदि कर्मों में पुण्य ज्यादा है, तो प्राणी स्वर्ग में सुख और आनंद मिलता है, और यदि पाप अधिक है, तो वह नरक की यात्रा करता है और दुःख भोगता है।

आत्मा का पुनर्जन्म

गरुड़ पुराण में बताया गया हैं कि मनुष्य अपने कर्मों के अनुसार आत्मा बार-बार जन्म लेती हैं। आत्मा को पुनर्जन्म के माध्यम से अपने कर्मों के अनुसार सुख दुःख मिलते है।

मोक्ष की प्राप्ति

गरुड़ पुराण में बताया गया हैं की अगर मनुष्य अच्छे कर्म करता हैं। भगवान की पूजा पाठ, दान-पुन्य, सत्य, प्रेम, दया के मार्ग पर चलता हैं तो उस मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती हैं।

यह भी जाने :-

Garud Puran Me Kitne Adhyay Hai FAQS:-

गरुड़ पुराण किसने लिखी थी ?

गरुड़ पुराण महर्षि वेदव्यास जी द्वारा लिखी गयी थी।

गरुड़ पुराण में कितने पेज हैं?

गरुड़ पुराण में लगभग 800 से 1000 बताये गए हैं।

गरुड़ पुराण में कुल कितने अध्याय हैं?

गरुड़ पुराण में कुल मिलाकर 271 से लेकर के 245 अध्याय हैं।

गरुड़ की पत्नी का क्या नाम हैं ?

गरुड़ की पत्नी का नाम उन्मादिनी है।

गरुड़ के गुरु कौन थे?

गरुड़ जी के गुरु भगवान विष्णु हैं।

गरुड़ के भाई का नाम क्या हैं ?

गरुड़ पुराण के अनुसार गरुड़ के भाई का नाम अरुण था।

गरुड़ पुराण की कथा कितने दिन की होती है?

गरुड़ पुराण कथा का समय कोई निश्चित नहीं हैं। क्यकिं यह कुछ घंटो की कथा भी होती हैं और कुछ दिनों की भी।

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